राणा जी म्हारे गुस्से में आये
एसो बल खाए
अगिया बरसाए
भबराए म्हारो चैन
जैसे दूर देस के टावर में घुस जाए रे एरोप्लेन
राणा जी म्हारे ऐसे गुर्राए, एसो थर्राए
भर आये म्हारे नैन
जैसे हरेक बात पे डेमोक्रेसी में लगने लग गयो बैन
जैसे दूर देस के टावर में घुस जाए रे एरोप्लेन
जैसे सरेआम इराक में जाके जम गए अंकल सैम
जैसे बिना बात अफगानिस्तां का बज गया भैया बैंड
जैसे दूर देस के टावर में घुस जाए रे एरोप्लेन
राणा जी म्हारे
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