In today's episode of Satyamev Jayate, there was a story related to Rampal from Samarthpura village.
Here is the news story related to that event :
Source.
पुष्कर. इक्कीसवीं सदी में आने के बावजूद भी गांवों में आज भी दलितों के प्रति सामंती सोच अब भी कायम है और प्रशासनिक अमला उसे नहीं बदल सकता है। समरथपुरा गांव में गत दिनों पुलिस संरक्षण में घोड़ी पर निकाली गई दलित दूल्हों की बिंदौली के विवाद एक रैगर परिवार को पुलिस प्रशासन से मदद मांगना भारी पड़ गया है।
अब गांव के ही कथित पंच-पटेलों ने दलित परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर हुक्का-पानी बंद कर दिया है। इतना ही नहीं दुकानदारों को भी सामान नहीं देने के लिए सामंती फरमान जारी कर पाबंदी लगा दी है। अब अदालत ने पुलिस को आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए हैं। मामले के अनुसार समरथपुरा निवासी रामपाल रैगर ने अपने अधिवक्ता मनोज जाजोरिया के जरिये आरोपित समरथपुरा निवासी लक्ष्मण सिंह, शोभासिंह, धर्मासिंह, जीता सिंह, छोटू सिंह, कानसिंह, पप्पू सिंह, किशनसिंह, छोटू सिंह एवं अखे सिंह सभी रावत सहित दस जनों के खिलाफ भादसं की धारा 323, 341, 120 एवं एससीएसटी एक्ट के तहत पुष्कर न्यायालय में परिवाद पेश किया।
परिवाद में बताया गया कि उसकी (परिवादी) की दो पुत्रियां संगीता व पूजा का विवाह गत 3 जून को हुआ। इस दौरान आरोप है कि आरोपितों ने धमकी दी कि दलित दूल्हों की यदि बिंदौली घोड़ी पर निकाली तो दूल्हों को बेइज्जत कर नीचे उतार दिया जाएगा। इस पर परिवादी ने प्रशासन व पुलिस की मौजूदगी में घोड़ी पर बिंदौली निकाली थी। इससे नाराज होकर आरोपितों रंजिश रखने लग गए। सबने ऐलानिया धमकी देकर गांव में परिवादी का सामाजिक व आर्थिक बहिष्कार कर दिया। आरोपितों ने गांव के दुकानदारों को दलित परिवार को सामान बेचने पर पाबंदी लगा दी तथा सार्वजनिक स्थान पर पानी भरने व आने-जाने से रोक दिया।
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पुष्कर. इक्कीसवीं सदी में आने के बावजूद भी गांवों में आज भी दलितों के प्रति सामंती सोच अब भी कायम है और प्रशासनिक अमला उसे नहीं बदल सकता है। समरथपुरा गांव में गत दिनों पुलिस संरक्षण में घोड़ी पर निकाली गई दलित दूल्हों की बिंदौली के विवाद एक रैगर परिवार को पुलिस प्रशासन से मदद मांगना भारी पड़ गया है।
अब गांव के ही कथित पंच-पटेलों ने दलित परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर हुक्का-पानी बंद कर दिया है। इतना ही नहीं दुकानदारों को भी सामान नहीं देने के लिए सामंती फरमान जारी कर पाबंदी लगा दी है। अब अदालत ने पुलिस को आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए हैं। मामले के अनुसार समरथपुरा निवासी रामपाल रैगर ने अपने अधिवक्ता मनोज जाजोरिया के जरिये आरोपित समरथपुरा निवासी लक्ष्मण सिंह, शोभासिंह, धर्मासिंह, जीता सिंह, छोटू सिंह, कानसिंह, पप्पू सिंह, किशनसिंह, छोटू सिंह एवं अखे सिंह सभी रावत सहित दस जनों के खिलाफ भादसं की धारा 323, 341, 120 एवं एससीएसटी एक्ट के तहत पुष्कर न्यायालय में परिवाद पेश किया।
परिवाद में बताया गया कि उसकी (परिवादी) की दो पुत्रियां संगीता व पूजा का विवाह गत 3 जून को हुआ। इस दौरान आरोप है कि आरोपितों ने धमकी दी कि दलित दूल्हों की यदि बिंदौली घोड़ी पर निकाली तो दूल्हों को बेइज्जत कर नीचे उतार दिया जाएगा। इस पर परिवादी ने प्रशासन व पुलिस की मौजूदगी में घोड़ी पर बिंदौली निकाली थी। इससे नाराज होकर आरोपितों रंजिश रखने लग गए। सबने ऐलानिया धमकी देकर गांव में परिवादी का सामाजिक व आर्थिक बहिष्कार कर दिया। आरोपितों ने गांव के दुकानदारों को दलित परिवार को सामान बेचने पर पाबंदी लगा दी तथा सार्वजनिक स्थान पर पानी भरने व आने-जाने से रोक दिया।
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Thanks for sharing nice information
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